Sunday, 22 September 2013

दोस्त पक्के हैं मेरे.....आदिल रशीद कालागढ़

दोस्त पक्के हैं मेरे.....आदिल रशीद कालागढ़

September 17, 2013 at 8:38pm
कालागढ वर्क चार्ज कालोनी गूरू द्वारे  के और डाक खाना के पास ही सहोदर पनवाडी की दुकान थी जहाँ  मै आदिल  रशीद उर्फ़ चाँद, और मेरे बचपन के दोस्त शमीम,शन्नू,असरार फास्ट बोलर,धर्मपाल धर्मी , दिनेश सिंह रावत, टोनी, संजय जोजफ़,जाकिर अंसारी अकेला,सलीम बेबस,रमेश तन्हा, राजू, यूसुफ़,शिवसिंह,गौरी,काले,अरविन्द,शीशपाल,नरेश,करतार,दिलीप सिंह बिष्ट जिसे हम सब दिलीप सिंह भ्रष्ट कहते थे जमा होते थे.

हमारी एक अलग भाषा थी तुफुनफे उफुस सफे कुफुछ क्फ्हफा थफा (तूने उस से कुछ कहा था ) ....सब बुज़ुर्ग हमारा मुंह देखते हम खूब मजाक करते खूब हँसते.

मेरा और जाकिर अंसारी अकेला का एक अलग तरह का शौक़ था या यूँ कहिये जूनून था अपने कालागढ़ का नाम मशहूर करने का इसके लिए हम रेडिओ स्टेशन पर गाने की फरमाईश भेजते उस समय पोस्ट कार्ड 10 पैसे का होता था जो जेब खर्च मिलता सारे पैसों के पोस्टकार्ड ले लेते. आपकी पसंद , आपकी फरमाईश , युव वाणी जैसे प्रोग्राम जो नजीबाबाद रामपुर दिल्ली से प्रसारित होते थे उन प्रोग्राम में जब हमारा नाम आता और उद्घोषक या उद्घोषिका कहती के इस गीत की फरमाईश करने वाले हैं कालागढ़ से आदिल चाँद, जाकिर अकेला,सलीम बेबस, रमेश तन्हा तो हम ऐसे उछलते ऐसे उछलते वैसे तो अब हम वर्ल्ड कप जीतने पर भी नहीं उछलते.

जाकिर  बहुत शरारती था एक बार उसने कुछ पोस्ट कार्ड  दूसरों के नाम से भी डाल दिए जैसे वर्क चार्ज कालोनी कालागढ़ से नफीसा अन्डो वाली और फिर जो हंगामा हुआ उसमे छुपे छुपे भी घूमे नफीसा को लगातार कम से कम 8 रविवार 50 पैसे के गोलगप्पे रिश्वत के रूप में खिलाने के बावजूद भी उसने समर्थन नहीं दिया और नफीसा ने अम्मी से शिकायत की तो दोनों  की अपने अपने घर में ताजपोशी भी हुई.
बाद का काम दोस्तों ने बखूबी अंजाम दिया ख़त दोस्त डालते किसी का भी नाम लिख के और ताजपोशी हम दोनों की होती.
बाद में उस पार्टी में फिल्म न दिखाने  के कारण फूट पड़ी और एक "विधायक"टूट कर हमारे दल में आ गया उस ने हम तीनो के परिवार वालों को बताया के बाद के सभी पोस्टकार्ड हमारे उन्ही परम मित्रों ने ही पोस्ट किये थे जो हमारी ताजपोशी के बाद हमारे साथ लाल -लाल आंसुओं से रोया भी करते थे:

दोस्त पक्के हैं मेरे गम में भी रोयेंगे मगर
दिल दुखाना भी ये शैतान नहीं छोड़ेंगे (आदिल रशीद)

(कालागढ़ की धनतेरस में से.....पूरे लेख के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें)
https://www.facebook.com/notes/aadil-rasheed/%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%A2-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A7%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A4%B8-kalagarh-ki-dhanterasaadil-rasheed/10150392750391982

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